राम राम बस राम
बसा हृदय में है वही , सुबह शाम लूँ नाम ।
जिह्वा भी रटती जिसे ,राम राम बस राम ।।1
छोड़ छाड़ सब कीजिए, बड़ा एक ही काम ।
भव भंजन हों ध्यान में ,राम राम बस राम ।।2
रख लो उर में अब छुपा ,सबसे ऊँचा धाम ।
नयनों से दर्शन करो, राम राम बस राम ।।3
अर्पित कर दो भाव सब ,विनयावनत प्रणाम
एक बोल ही बोल ले , राम राम बस राम ।।4
भक्ति भजन की नाव वह ,सुखदाई परिणाम ।
भज प्यारे बस नाम यह ,राम राम बस राम ।।5
संतों भक्तों को मिला ,सत्य एक पैगाम ।
सस्वर बोले आत्म मन ,राम राम बस राम ।।6
रोज करें सादर नमन ,श्रद्धा निष्ठ प्रणाम।
विश्व रूप भर्ता वही ,राम राम बस राम ।।7
अभी समय है जान ले ,प्रभु की शरण विराम।
लेकर बोलो प्रेम से , राम राम बस राम ।।8
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
4/6/2021