राम राज्य :- एक स्वप्न
मेरा सपना तब सच होगा।
जब बीतेगा वनवास प्रिए,
मिट जायेंगे सब त्रास प्रिए।
छल दंभ द्वेष का ह्रास प्रिए।
सब होंगे सफल प्रयास प्रिए।
तब पूरा मेरा प्रण होगा।
मेरा सपना तब सच होगा।
न कोई राजा कोई रंक,
धुल जायेंगे सारे कलंक।
न होगा बिल्कुल दुःख रंच,
मिट जायेंगे जीवन प्रपंच।
सौभाग्य हमारा जागेगा।
मेरा सपना तब सच होगा।
जब राम राज्य आ जाएगा,
हर जीव यहां सुख पाएगा।
जब मलय पवन बिखराएगा।
हर क्षण मनुहार सुनाएगा।
जब स्वयं प्रणय जीवन होगा।
मेरा सपना तब सच होगा।।
© आचार्य विक्रान्त चौहान