राम भजन कर लै रै प्राणी !
राम भजन कर
लै रै प्राणी !
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राम भजन कर
लै रै प्राणी
राम मजन कर
लै रै
यो जिंदगी वापिस
नहीं आणी
राम भजन कर
लै रे प्राणी
राम भजन कर
लै रे
सत करमां तै
पार लगैगा
सत करमां तै
पार लगैगा
नदिया गहरी
नाव पुराणी
रै प्राणी
राम भजन कर
लै रे प्राणी
राम भजन कर
लै रे
धत् करमां में
कुछ न धरया है
धत् करमां में
कुछ न धरया है
इसनै नाव डुबाणी
रै प्राणी
राम भजन कर
लै रे
मन मैं अंधेरा
तन चाहे सुथरा
राम करैंगें दूर
अंघेरा
तब हो जावेगा
जीवन में सवेरा
राम भजन कर
लै रे प्राणी
राम भजन कर
लै रे
पाप कमाया
घणा ही तूने
जितना राम नाम
रटैगा
पाप लगैंगे घटणे
राम राम जप कर
सारे पुण्य कमाया कर
राम भजन कर
लै रे प्राणी
राम भजन कर लै
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राजेश’ललित’