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20 Jul 2023 · 1 min read

राम बनना कठिन है

नील नल हनुमान कपिगण
थे निमित्त सारे फ़क़त।
पुल बनाया राम की
रहमत ने कण कण वासकर।

सागर लांघा असुर मारे
लंका बारा पूंछ से।
राम की नज़र ए इनायत,
पल पल थी हनुमान पर।

था बड़ा विद्वान योद्धा,
लंकापति त्रिलोक में।
एक गलत निर्णय लिया,
परिवार सारा मर गया।

रावण गर पहचान लेता,
कूबत सीता राम की।
आज वह मंदिर में होता,
अन्य देवों की तरह।

भरत हनुमत और लाखन,
ख़ादिम थे नायाब से,
किया खिदमत दिल लगाकर,
राम के मन रम गए।

राम करते काज सब,
छुपाकर अपने आप को।
हंसकर कहते सेवकों से,
काम तुम सबने किया।

ख़ुशी में न खुशनुमा हैं,
न ही ग़म में ग़मजदा।
एक सा बर्ताव उनका,
तभी तो वे राम हैं।

राम बनना है कठिन अति,
राम तो बस राम हैं।
दूजा जग में आज तक,
रघुवर न कोई बन सका।

Language: Hindi
1 Like · 1186 Views
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