राम नाम से बड़ा न और कोई मंत्र है।
महिमा अपार राम नाम की जो माप सके।
जग में न बन सका अभी कोई यंत्र है।
राम है अनंत कथा राम की अनंत और,
राम हैं पुराण राम नाम वेद मंत्र है।
राम चेतना का स्रोत जीव आत्मा के प्राण,
जग पराधीन एक राम ही स्वतंत्र है।
राम राम राम राम जपते रहो जी दीप
राम नाम से न बड़ा और कोई मंत्र है।
प्रदीप कुमार “दीप”
सुजातपुर, सम्भल