राम की शरण में जाओ
हास्य व्यंग्य
राम की शरण में जाओ
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अब आप ही बताइए
इसमें मेरा क्या है दोष
अभी सोकर उठा भी नहीं था
कि पप्पू का फोन आ गया,
फोन लगातार बजता रहा
झुंझलाहट तो बहुत हुई
लेकिन फोन उठा ही लिया।
उधर से आवाज आई
मैं पप्पू बोला रहा हूँ
सुनकर मुझे गुस्सा आ गया,
तुम पप्पू हो या गप्पू
बोल रहे हो सुन रहा हूँ
अभी बहरा नहीं हुआ हूँ।
सुबह सुबह मेरी नींद खराब कर दी
क्या चुनावी परचा दाखिल करने जा रहे हो,
मुझे प्रस्तावक बनाने का इरादा है?
उधर से पप्पू ने कातर स्वर में आग्रह किया
प्लीज़! मुझे माफ कीजिए
असुविधा के लिए क्षमा कीजिए
साथ ही मेरी प्रार्थना भी सुन लीजिए
और मुझे कुछ सलाह दीजिए।
मैं गुस्से से चीख पड़ा
मैं तुम्हारा सलाहकार या वेतनभोगी नौकर हूँ
जो तुम्हारे आदेश का पालन करूँ?
और तुम्हारी सुविधा के अनुसार ही तुम्हें सलाह दूँ।
प्लीज़ नाराज मत होइए
एक बार मेरी बात तो सुनिए
मैं नहीं कह रहा कि आप मेरे सलाहकार हैं
बस इसीलिए तो आपको फोन किया है।
आप बहुत सज्जन और दिल के साफ है
सबको सही सलाह देते हैं,
देवी देवता ही नहीं यमराज भी
आपकी सलाह पर अमल करते हैं।
इतना सुनते ही मैं मन ही मन
फूल कर गुब्बारा हो गया,
खुशी से नाचने लगा,
बड़ी मुश्किल से खुद को संयत किया
और पप्पू को आश्वस्त किया
अपनी समस्या बताओ
मुफ्त की सलाह पाओ,
मन छोटा न करो, पहले मुस्कुराओ
फिर आराम से पूरी बात बताओ।
अब पप्पू जैसे खुश हो गया
और अपनी बात कहने लगा
महोदय मैं, बच्चा, युवा से अब प्रौढ़ हो गया हूँ
जल्दी ही बुजुर्गों की श्रेणी में भी आ जाऊंगा
आखिर कब तक युवा कहकर भरमाया जाऊँगा।
क्या बिना सेहरा बांधे ही निपट जाऊँगा?
फिर पप्पू मौन हो शायद रुँआसा होकर विवश हो गया।
मैंने ढांढस बंधाया फिर समझाया
हताश निराश मत हो
घमंड छोड़कर मेरी सलाह पर अमल करो
अपने चाटुकार सलाहकारों से सावधान रहो,
कभी अपने विवेक का भी इस्तेमाल करो
मुँह खोलने से पहले सौ बार विचार करो
अब और न खुद ही तमाशा बनो
जिनकी बदौलत तुम पप्पू बन गए
उन पर अब और न विश्वास करो।
एक मुफ्त की सलाह तुम्हें देता हूँ
हिम्मत है तो उस पर अमल करो,
तुम्हें सिर्फ सेहरे की चिंता है
मैं तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी होने गारंटी देता हूँ।
ऐसा लगा पप्पू शायद कुछ आश्वस्त हुआ
और जैसे सिर झुकाकर बोला
जी महोदय! आप आदेश कीजिए
मैं आपको वचन देता हूँ
आपकी सलाह को आदेश मानूंगा।
तब मैंने पप्पू को प्यार से समझाया
तुम कुछ करो न करो तुम्हारी मर्ज़ी है,
बस श्रीराम की शरण में जाओ
नाक रगड़ो या गिड़गिड़ाओ,
जैसे भी हो श्रीराम जी को प्रसन्न करो
उनकी कृपा का प्रसाद पाओ,
राम नाम की पताका अपने घर पर लगाओ
फिर मैदान में जाओ।
तुम्हारे सारे नीच ग्रह दुम दबाकर भाग जायेंगे
सारे ऊच्च ग्रह तुम्हारे बगलगीर हो जायेंगे,
तुम्हारी हर समस्या का समाधान आसानी से हो जाएगा
तुम्हें दूल्हा ही नहीं सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाएगा।
बस तुम्हारी समस्या का यही हल है
इससे बेहतर विकल्प तुम्हारे लिए और नहीं है,
अब तुम फोन रखो
और मेरी सलाह को अभी से अमल में लाओ,
परिणाम न मिले तो फिर फोन करने का कष्ट करो
सफलता के बाद मुझे भूल जाओगे ये भी गारंटी है।
पर ये तुम्हारा दोष नहीं है
ये तुम्हारी खानदानी बीमारी है
इसका कोई समाधान नहीं है,
बस अब फोन मैं ही रखता हूँ
क्योंकि मुझे अभी अधूरी नींद पूरी करना है।
सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश