आईना
घनाक्षरी३१ वर्ण
मनहरण छंद
१६,१५ पर यति
आईना 🌹
सत्य पहचान कर झूठ का निदान कर ,
ज्ञान का प्रकाश कर आईना दिखाईये |
राग द्वेष त्याग कर जमीं धूल झाड़कर,
आईना सजाईये स्वयं निखर जाईये |
हमको खुद हमीं ये मिलाता है ये आईना ,
घात छिपा दिल में बताता है ये आईना |
टूट टूट टुकड़े में बंट जाता है आईना ,
तस्वीर एक ही पर बनाता है आईना|
कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदनी..