Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

” रामराज्य की पुनर्स्थापना”

फैली चंहू ओर आज ये अराजकता क्यूं
हर कोई धनार्जन की होड़ मे व्यस्त क्यूं है
भाई ही बना भाई की जान का दुश्मन क्यूं है
पुरुष बना स्री की इस्मिता का भक्षक क्यूं है

एक समय था पितृ वचन की लाज बचाने, श्री राम चले गए थे वन को
आज पुत्र द्वारा निष्कासित हो ,घर से जाते है मात-पिता वृद्धाश्रम को
पतिव्रता का धर त्यागा सीता ने राजमहल को
आज की भार्या ऐसे हालात में, तज जाती है अपने ही वर को

भरत तुल्य भार्ता कहां आज दिखाई देते है
सम्पति की खातिर यहाँ अब, भाई ही भाई का कत्ल कर देते हैं

चंहू और व्याप्त इस अराजाता का, अंत हमें अब करना होगा
मिलजुल कर प्रेम-भाव का पुनः संचार अब करना होगा
संयुक्त संकल्प ले आज हम सब ,पुन: राम राज्य स्थापित करना होगा

डॉ. कामिनी खुराना (एम.एस., ऑब्स एंड गायनी)

1 Like · 230 Views
Books from Kamini Khurana
View all

You may also like these posts

जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
Manoj Mahato
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मुहब्बत भी करके मिला क्या
मुहब्बत भी करके मिला क्या
डी. के. निवातिया
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
शेखर सिंह
4454.*पूर्णिका*
4454.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
विनम्रता
विनम्रता
Rambali Mishra
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
मिट जाता शमशान में,
मिट जाता शमशान में,
sushil sarna
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
काजू निषाद
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमे अपने रिश्तों से इतनी उम्मीद क्यों होती हैं कि सामने वाला
हमे अपने रिश्तों से इतनी उम्मीद क्यों होती हैं कि सामने वाला
पूर्वार्थ
मन
मन
मनोज कर्ण
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
এটাই সফলতা
এটাই সফলতা
Otteri Selvakumar
पीठ पर लगे घाव पर, मरहम न लगाया मैंने।
पीठ पर लगे घाव पर, मरहम न लगाया मैंने।
श्याम सांवरा
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
Ashwini sharma
🙅सीधी-सपाट🙅
🙅सीधी-सपाट🙅
*प्रणय*
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
गोपियों का विरह– प्रेम गीत
Abhishek Soni
जब तक आप जीवन को स्थिरता से नहीं जानेंगे तब तक आपको जीवन में
जब तक आप जीवन को स्थिरता से नहीं जानेंगे तब तक आपको जीवन में
Ravikesh Jha
Loading...