राममय जगत
।।राममय जगत ।।
राम से इतिहास,भूगोल,देश औ संसार हैं
राम इस धरा पर, प्रत्यक्ष ब्रह्म अवतार हैं
जीव,जगत,ब्रह्मांड कुछ नहीं राम के बिना
ज्ञान विज्ञान ईमान का राम नाम सार हैं
राम में रम जाए तो,नहीं हिंसा फ़साद हैं
राम के बस नाम से मिटता सभी बवाल हैं
एक हैं जहान यह,बस राममय निग़ाह से
रामनाम हाथ से, होता सबका कल्याण है
गर राम के जो वास्तें काम तनी हो तेरा
गर राम के जो वास्तें धाम तनी हो तेरा
गर राम के जो वास्तें ध्यान तनी हो तेरा
तो राम की कृपा से, नाम सभी होगा तेरा ।।
©बिमल तिवारी “आत्मबोध”
देवरिया उत्तर प्रदेश