रामभक्ति
राम भक्ति में लीन जो, हो भव सागर पार ।
वाचे पावन बोल जो , पाता जीवन सार ।।
राम नाम की भक्ति जो , नित श्रवण करे कान ।
कष्टों का सब नाश हो , पाये तब नर मान ।।
राम नाम से सिक्त हो , जाऊँ सरयू तीर ।
पावन जल का पान कर , मिट जाये तन पीर ।।
राम नाम से चले जग , फलै राम के नाम ।
विपदा मेरे वतन की , टले राम के काम ।।
वक्त बुरा गुजर सकेगा , राम नाम हो जाप ।
शक्ति मिले तब तुझे जो , संकट को ले भाप ।।