रामजी कर देना उपकार
सत्य धर्म मर्यादा पुरुषोत्तम मेरे सरकार,
धूप दीप,रोली चावल लें खड़ा हूं तेरे द्वार,
राम जी कर देना उपकार,,, हो,राम जीकर देना उपकार।
काम क्रोध मद मोह से भरी है काया
स्वार्थ बस यह मन मेरा भरमाया,
देकर दर्शन प्रभु जी अपना मिटा दो विकार।
राम जी कर देना उपकार,,,हो रामजी कर देना उपकार।
भवसागर में है हम डगमगाए है जीवन नैया,
अज्ञानी,नासमझ, स्वार्थी और हम है नादान,
कृपा दृष्टि हम पर डालो प्रभु कर दो उपकार,
राम जी कर देना उपकार,,,, हो रामजी कर देना उपकार।
दया दृष्टि होगी आपकी सिर पर होगा आपका हाथ
राम रमे मन- तन में छाएं दिल में हर्षोल्लास,
नाथ आप हो, होंगे जीवन के सपने साकार।
राम जी कर देना उपकार,,,, हो रामजी कर देना उपकार।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान