रामचरितमानस (मुक्तक)
रामचरितमानस (मुक्तक)
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हे! जनमानस,तेरा लक्ष्य ही तो निज स्वार्थ है।
तू क्या जाने,रामचरितमानस का क्या अर्थ है।
जनम-करम से भी तो,तुम सदा हो महामुरख;
तुझको,रामचरितमानस को समझाना व्यर्थ है।
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स्वरचित सह मौलिक