राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे
गंगा में अस्नान से ,
सबइ पाप कट जात।
पुन्य मिलत #राना कह.त ,
पौथीं यै बतलात।।
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बुड़की के अस्नान में ,
तिली बदन चिपकात।
रगड़- रगड़ #राना सबइ ,
तन कौ मैल छुटात।।
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मन की गंगा है बड़ी ,
चंग करौ अस्नान।
#राना रखियौ साफ पर ,
करबैं खौं कल्यान।।
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– राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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