राधा दौड़ी आई रे ____ घनाक्षरी
नटखट मोहन ने, बांसुरी बजाई ऐसे।
सुध बुध भूल कर, राधा दौड़ी आई रे।।
इत डोले उत डोले ,बोले बोले श्याम बोले।
खोज रही घनश्याम ,राधा दौड़ी आई रे।।
आई यमुना के तीर, हुई खोजत अधीर ।
यही मिलेंगे अहिर,राधा दौड़ी आई रे।।
डाल कदम पे बैठे,लगा श्याम है लेटे।
एक टक देख रही,राधा दौड़ी आई रे।।
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राजेश व्यास अनुनय