राधा का गीत
राधा का गीत – निधिवन पर –
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“सखी आज तुम्हें, निधिवन की बात मैं बताऊँ
शाम पहर जब, आएं मेरे श्याम – वहाँ सखी
बन जात सभी, निधिवन की लताएं वहाँ गोपियाँ
पशु पक्षी सभी -रुक नहिं सकत – उन पलन मां
शाम होत – सब हीं चले जात, छोड़ निधिवन को
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हरी दास जैसे गायक वा संत बस – सुन पाए
मेरे पैरों के नूपु रन की- ध्वनि बस यहाँ सखी
निधिवन के बृक्ष सब, मौन धरती की और ही
देखत लागत हैं, जब श्याम वहाँ आवत सखी
रास रचावन को, अपने अलौकिक निधिवन में
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नृत्य करत, जब थक जात – मोरे पाँव – सखी
श्याम अपने हांथन से, चापत मेरे पाँव सखी
रास के अनंत सुख की बात, क्या बताऊँ सखी
साक्षात होत तब, उन पलन मां, मोहे ईश्वर से”
Ravindra K Kapoor
19th June 2018