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26 Oct 2024 · 1 min read

रात घिराकर तम घना, देती है आराम

रात घिराकर तम घना, देती है आराम
सूरज देकर दिन हमें, कहे करो अब काम
अन्न हमें देती धरा , नभ देता बरसात
हे अजर अमर सत् प्रकृति,शत-शत तुझे प्रणाम
डॉ अर्चना गुप्ता

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