रात आ गयी।
नकाब चेहरे से हटाने की रात आई है,
सच आइना दिखाने की रात आई है।
यूनियन आयी इस महफिल में चांदनी लेकर,
कि रोशनी में नहाने की रात आई है।
तमाम उम्र से संघर्ष कर रहे थे हम सब,
सुकून सब को दिलाने की रात आई है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ
नकाब चेहरे से हटाने की रात आई है,
सच आइना दिखाने की रात आई है।
यूनियन आयी इस महफिल में चांदनी लेकर,
कि रोशनी में नहाने की रात आई है।
तमाम उम्र से संघर्ष कर रहे थे हम सब,
सुकून सब को दिलाने की रात आई है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ