राजा साहब आपके जाने से…
राजा वीरभद्र सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि इस रचना के साथ…
“राजा साहब आपके जाने से”…
जो भी मिला जिन्दगी की राहों में, वो हबीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
अपने कर्मों से हिमाचल की शान हुए,
दिलों के राजा हर शख्स की जान हुए।
आपके जाने से हुए कंगाल अमीर भी,
आप थे तो गरीब भी धनवान हुए।।
गवां बैठे अनमोल दौलत को, हमारा ये नसीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
एक सच्चे देशभक्त महान योद्धा थे,
वीरभद्र जी सच में एक वीर जोधा थे।
थे बहुमुखी व्यक्तित्व के धनवान वो,
हिमाचल की राजनीति के पुरोधा थे।।
आपकी कमी से आज हरदिल, गमों का सलीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
मुख्यमंत्री और सांसद बनना बड़े गौरव की बात हो गई,
ऐसा राजा पाकर हिमाचल प्रजा की धन्य हयात हो गई।
आपकी दिल्लगी आपकी चाहत कर गई करामात ऐसा,
पता नहीं चला कब दिन गुज़रा और कब रात हो गई।।
रहमतों के असर से हर शख्स, आपके करीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
वो समां जाते- जाते भी हसीन और रंगीन हुआ,
सारा जहान दर्द-ए-रूखसत में गमगीन हुआ।
बुशहर रियासत का नज़ारा हुआ काबिलेतारीफ,
यहाँ का 122वाँ राजा जब माटी में विलीन हुआ।।
लगा हुजूम दर्शन पाने को, हर लम्हा अजीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
निकाल न पाएगा कोई दिल से उस तस्वीर को,
भुलाया न जाएगा कभी उस शेर दिल फकीर को।
युगों- युगों तक शायद अब कभी न संवारा जाएगा,
वीरभद्र जैसे वीर राजा से हिमाचल की तकदीर को।।
दिल से कह गया ‘भारती’, पक्ष में इनके रकीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
जो भी मिला जिन्दगी की राहों में, वो हबीब हो गया।
राजा साहब आपके जाने से, हर शख्स गरीब हो गया।।
हबीब- दोस्त
पुरोधा- पुरोहित
गमों का सलीब- गमों की सूली पर चढ़ना
हयात- ज़िन्दगी
करामात- चमत्कार
रकीब- प्रतिद्वन्दी
रचनाकार — सुशील भारती, नित्थर, कुल्लू (हि.प्र.)