राजाराम मोहन राॅय
पुनर्जागरण के रहे, राॅय जी अग्रदूत
सब कुरीतियों को मिटा, वो कहलाय सपूत
नवभारत निर्माण को, जो रहे वचनबद्ध
राजा मोहन राॅय से, था उनका संबद्ध
मातश्री नाम तारिणी, पिताश्री रमाकांत
जन्मे राजाराम जी, मनमोहक संभ्रांत
थे भारतीय प्रेस के, सदा समर्थक आप
अपनी भाषा में करो, कर्मकाण्ड हर जाप
मोहन राजाराम का, अमर रहेगा नाम
सती प्रथा के अन्त को, छेड़ा था संग्राम
राजा मोहन राॅय थे, सबसे प्रखर प्रबुद्ध
लड़ते रहे समाज से, निरन्तर महायुद्ध