राजनीति हलचल
राजनीति की बढ़ रही,संप्रति हलचल खूब ।
उबरेंगे रँगरेज कुछ ,कुछ जाएँगे डूब ।।1
पीट रहे डंका सभी ,होगी अबकी जीत ।
स्वर्ग उतारेंगे धरा ,गाएँगे मिल गीत ।।2
बाबू भैया लोग लो ,हमको अब पहचान ।
खूब करें सेवा हमीं, हमी नगर की शान ।।3
दर्द हरेंगे हम सदा, हमें बता दो काम ।
पानी बिजली मुफ्त में , राशन घर गोदाम ।।4
वृद्धा पेंशन योजना ,शिक्षा लो मत नाम ।
बिगड़ रही पीढ़ी बहुत ,कभी न करती काम ।।5
कर्म योजना से जुड़े ,करें सभी मिल काम ।
सड़कों के चौड़ीकरण ,जुड़ सबका हो नाम ।।6
अधर लटक शिक्षा रही ,शिक्षित हैं बेकार ।
नहीं पूर्ति इनकी कहीं ,प्राण गए ये हार ।।7
बड़ी-बड़ी है योजना ,सभी हुईं बीमार ।
रोजगार के नाम पर , वोटों का व्यापार ।।8
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
7/11/2022
वाराणसी ,©®