राजनीति आ अपराध।
राजनीति आ अपराध।
-आचार्य रामानंद मंडल
माया देबी एगो दबंग नारी रहे।इ दबंगई वोकरा मे छोट मोट झगरा मे बलुआरी से आयल।देखहु में भारीभरकम रहे।मोट कद काठी के रहे।मरदाबा लेखा बोल चाल भी रहे। गोर रंग के माया देवी लाल पार के उजर सारी आ लाल ब्लाउज पहने। लाल बड़की टिकुली लगाबे। हाथ के दसों अउरी मे औठी पहने। अइसे वोकर दवंगता झलके। लोग सभ माया देवी के नेताइन कहे।
जहां देखु वोकरा कोनो न बात मे जोर जोर से बोलैत रहे।चाहे वो सरकारी रासन के दोकान हो वा सरकारी इस्कूल।रासन के दोकानदार के घटतौली आ फरजी रासनकार्ड पर नजर रखे।अइ बदला में दोकानदार माने डिलर वोकरा मंगनी में चामल-गहुम दे देबे।तहिना इस्कूल मे के मध्यान्ह भोजन के रूप मे गहुम बंटवारा के घटतौली आ छात्र के संख्या पर नजर रखे।तैय डर से हेडमास्टर भी गहूम दे देबे। पहिले आइ लेखा इस्कूल में मध्याह्न भोजन न बने।
माया देवी पंचायत के राजनीति में भी भाग लेबे।परंच कहियो वार्ड मेम्बर भी न बन पायल।एकर इ मतलब न कि वोकरा मे महिला सभ के जुटाबे के शक्ति न रहे। महिला के जुटाबे मे माहिर रहे।
पंचायत के लोग सभ के सहायता के बहन्ने प्रखंड मुख्यालय भी जाय लागल। प्रखंड स्तर पर महिला धरना प्रर्दशन के नेतृत्व करे।
छूट भैया नेता के सम्पर्क में अयला के बाद जिला के राजनीति से भी जुड़ गेल। जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन मे महिला सभ के ले जाय आ भासन भी देबे।सभ दल के नेता से अपनापन रखे।परंच एगो खास दल से भी जुड़ल रहे।दल मे पदधारी भी बने। नेता सभ के हवस के शिकार भेल।बाद में नेता सभ के हबस पूरा करे में भी सहायक बनल।माने कि लरकी सभ के भी सप्लाई करे लागल।इहां तक कि अपन संबंधी लरकी सभ के भी फुसला के कमाई आ सरकारी नौकरी मिले के बहन्ने नेतवन सभ के हबस पूरा करे के लेल भेजे लागल। कोई कोई लोग त कहे कि माया देबी केते गरीब आ असहाय के बेटी के बेच देलक। केते लरकी त लौट के अपन घर कहियो न आयल।एतबे न नौकरी देबाबे के बहन्ने अपन पराया से रूपया भी ठगे लागल।ओहूं में पराया से बेसी अपने के ठगलक। लोग कहे छई न ठग अपने के बेसी के ठगे छई आ लोग अपने से ही बेसी ठगाई छई।
अइ सभ काम के लेल माया देवी अपन गांव में न रह के पुपरी शहर में भाड़ा पर डेरा लेके रहे लागल।
आ सफेदपोश बनके वेश्यावृत्ति कराबे लागल। अइ काम मे पुपरी से पटना तक दौड़ा करे।
माया देवी कहे कि राजनीति में यौनशोषण आ सफेदपोश बेश्यावृति आवश्यक हो जाइ छई।अइ के बिना कोई काम न हो सकै छई।अइ मे चोली दामन के संबंध हए। नेताइन पर त नेता के गिद्ध दृष्टि रहै हए।
केना न केना माया देवी के सम्पर्क अपराधी सभ से भी हो गेल।लूट पाट के बंदरबांट में बेइमान साबित भेल आ गोली से मारल गेल।कहल गेल हए न गलतो काम मे इमानदारी आवश्यक होइ छई। खास क के अपराध के दुनिया मे इमानदारी आउर आवश्यक होइ छई।न होयला पर आपसी गोलीबारी होइ छई माने गैगवार होइ छई। अपराध के दुनिया मे बेइमान के न छोड़ल जाय छई आ वोकर सजा मौत होइ छई। कमोवेश वोहे हाल राजनीतियो में होइ छई।
राजनीति आ अपराध माया देवी नेताइन के प्रान लेलक।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
रचनाकार-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।