राजनीतिक कुंडलियाँ -रस्तोगी
अखिलेश ने माया को,मिला लिया अपनी ओर
राहुल भैया सोच रहे,अब जाऊ मै किसकी ओर
अब जाऊ मै किसकी ओर,बहुमत नहीं मेरे पास
इसलिए कोई बुला नही रहा, मुझको अपने पास
कह रस्तोगी कविराय, क्या इतना कर पाओगे
बहु लियाओ घर में,बहुमत खुद ही पा जाओगे
आर के रस्तोगी