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8 Dec 2024 · 1 min read

राग दरबारी

सलमिया केहू के नाहीं अब ठोकबे
केहू से हम ना डेराइला
जमीरवा केहू से नाहीं हम बेचबो
केहू के दीहल ना खाइला…
(१)
हर एक मसला पर
खुलके अब बोलेब
देशवा के दुश्मन के
भेदवा सब खोलेब
ओठवा आपन अब नाहीं हम सियबो
अजदिया जानो से प्यारा बा…
(२)
गाली सुनेब चाहे
लाठी हम खाएब
सच्चाई पर चलके
जेलवो में जाएब
ज़हर के प्याला भी हंसके हम पियबो
सुकरात के चेला कहाइला…
(३)
दोसरा के ताल पर
ना कमर हिलाएब
दरबारी राग कबो
हम ना सुनाएब
जे मनवा में आई उहे हम करबो
अंजाम से ना घबराइला…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#राग_दरबारी #सुप्रीम_कोर्ट
#चुनाव_आयोग #गोदी_मीडिया
#पुलिस #बुद्धिजीवी #फनकार

Language: Bhojpuri
23 Views

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