राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
देती है बता
जलती थी आग वहाँ कभी
सर्दियों की रात
की थी वो राहत
सेकें थे जहां हाथ
कइयों ने रात भर
. . . . . . . अतुल “कृष्ण”
राख के ढेर की गर्मी
देती है बता
जलती थी आग वहाँ कभी
सर्दियों की रात
की थी वो राहत
सेकें थे जहां हाथ
कइयों ने रात भर
. . . . . . . अतुल “कृष्ण”