राखी
राखी हाइकु
स्नेह की डोरी,
अटूट ये बंधन,
नींव गहरी।
रेशमी धागा,
विश्वास बहन का,
हृदय स्पर्शी।
नीचे सूत है,
ऊपर से रेशमी,
प्रेम की डोरी।
स्नेह का धागा,
अनुज अग्रज को,
बांधे बहना।
पवित्र रिश्ता,
बांधते धागे कच्चे,
रक्षाबंधन।
भ्रात,तात रे,
तुमसे हैं सजती,
खुशियां सारी।
आया सु दिन,
नीरज व पवन,
मान रखना।
नीलम बांधे,
सपना सुदेश भी,
प्रीत की डोरी।
नीलम शर्मा