राखी
एगो मुक्तक-
राखी कलाई में बन्हल, भाई-बहिन के प्यार हऽ।
ई सूत रेशम के भले ,अनमोल धन आगार हऽ।
हर साल पूनम सावनी, शुभकामना दे लोग के,
भाई खुशी में दे जवन, ऊ नेगवे उपहार हऽ।।
**माया शर्मा,पंचदेवरी,गोपालगंज (बिहार)**
एगो मुक्तक-
राखी कलाई में बन्हल, भाई-बहिन के प्यार हऽ।
ई सूत रेशम के भले ,अनमोल धन आगार हऽ।
हर साल पूनम सावनी, शुभकामना दे लोग के,
भाई खुशी में दे जवन, ऊ नेगवे उपहार हऽ।।
**माया शर्मा,पंचदेवरी,गोपालगंज (बिहार)**