राखी गीत
राखी के पावन पर्व पर देश के समस्त भाई बहनों को सादर समर्पित
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सावन के माह में जब ये पुर्णिमा है आई
गद गद हुआ है भाई बहना भी मुस्कुराई
सावन—–
1-
भाई की अपने बहना फिर आरती उतारे
खुशियां हजारों अपनी बीरन पे अपने वारे
हल्दी के साथ रोली माथे पे है लगाई
सावन—-
2–
जुग जुग जियो हे भाई मेरी लाज़ तुम बचाना
कह करके फ़र्ज़ तुमको राखी की है निभाना
रेशम की डोर से फिर है बाँधी ये कलाई
सावन—
3-
हम माँगते नहीं कुछ बस चाहती हूँ इतना
बन कर रहूँ हमेशा तेरी लाडली मैं बहना
बेटी भी हूँ तुम्हारी करना तू रहनुमाई
सावन —-
4-
अनमोल है मुहब्बत भाई-बहन की “प्रीतम”
राखी तो इक दुआ है भाई का राखी परचम
रक्खेंगे मान बहना हमने क़सम उठाई
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
07/08/2017