*राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत (कुंडलिया)*
राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत (कुंडलिया)
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राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत
इसमें रस संबंध का, इसमें मधुरिम गीत
इसमें मधुरिम गीत, बहन-भाई का नाता
जन्म-मरण की प्रीति, सरल धागा यह गाता
कहते रवि कविराय, मंत्र यह दोहे-साखी
बसते अनुपम भाव, नमन वंदन सौ राखी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451