रह रहे मन में हमारे
गीत..
रह रहे मन में हमारे लोकनायक राम हैं।
ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।।
ये वही हैं जो युगों से कर रहे कल्याण हैं।
मानते उनको चराचर प्राणियों में प्राण हैं।।
वे सुबह हैं और वे ही जिन्दगी के शाम हैं।
ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।।
कौन है इससे अछूता जो नहीं ये जानता।
हैं वही रमते सभी में सत्य को ना मानता।।
शीत हैं वे और बदरी और वे ही धाम हैं।
ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।।
वंदना करते सभी ग्रह और तारे व्योम में।
संत सारे देवतागण ध्यान करते ओम में।।
नाथ श्री रघुवीर ही पावन धरा के धाम हैं।
ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।।
रह रहे मन में हमारे लोकनायक राम हैं।
ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।।
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)