रहस्य
जीवन के कुछ अनसुलझे प्रश्न रहस्य बन कर रह जाते हैं।
अन्वेषण एवं मंथन यथार्थ के धरातल एवं आभासी मंच के बीच अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते हैं।
अनुमान किसी स्पष्ट आधारभूत यथार्थ से दूर ही रहता है , तथा किसी निष्कर्ष पर पहुंचने नहीं देता। मनुष्य का विषयवस्तुज्ञान एवं प्रज्ञा शक्ति विफल प्रतीत होती है।
ठोस प्रमाण एवं तर्क के अभाव में प्रश्नों के उत्तर खोजना असंभव सा प्रतीत होता है।
कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं होता है , एवं भ्रम की स्थिति उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार के प्रश्न जिनका संदर्भ किसी
अपसामान्य ( paranormal ) गतिविधि से होता है,
अबूझ पहेली बन कर रह जाते हैं ।
रहस्य की विभिन्न श्रेणियां है ,
प्रथम , वे रहस्य जिन्हें छद्म निर्मित कृत्रिम आधार को सत्याधार के रूप में प्रकट किया जाता है ,
जिससे वास्तविकता अदृश्य रहे।
जैसे: जादू एवं हाथ की सफाई , इंद्रजाल इत्यादि।
द्वितीय , वे रहस्य जिन्हें सोची समझी योजना के तहत निष्पादित किया जाता है , जिससे सत्यता को छुपाया एवं दबाया जा सके।
इस प्रकार के रहस्य में उन तत्वों का समावेश होता है , जो घटना को सत्य के रूप में प्रस्तुत कर सकें एवं वास्तविकता गुप्त रह सके।
सोची समझी साजिश एवं योजनाबद्ध अपराध इस श्रेणी में आते हैं।
तृतीय , वे परालौकिक घटनाएं हैं जो मनुष्य की समझ से परे है। जिनका कोई वैज्ञानिक भौतिक तर्कसंगत आधार खोजना असंभव सा प्रतीत होता। यह एक अत्यंत गूढ़ प्रश्न है। कुछ लोगों के लिए इस प्रकार के दृष्टांत कपोल कल्पित धारणाएं हैं , जिन्होंने इन घटनाओं को प्रत्यक्षदर्शी के रूप में देखा नहीं है। परंतु इसका दूसरा पक्ष इस प्रकार की घटनाओं का प्रत्यक्षदर्शी है, जिनके लिए इस प्रकार की घटनाएं रहस्य बन कर रह गई हैं।
अतः रहस्य एक पहेली है , जिसका उत्तर मानसिक संकायों द्वारा खोज पाने में असमर्थ रहने पर एक यक्ष प्रश्न बनकर रह जाती है।