रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
तू यूंही सामने बैठा रहे और मैं तेरा दीदार करु।।
लोग यूंही समझते रहे बेवफा मुझको।
मिलने तू ना आये और मैं तेरा इंतज़ार करु।।
Phool gufran
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
तू यूंही सामने बैठा रहे और मैं तेरा दीदार करु।।
लोग यूंही समझते रहे बेवफा मुझको।
मिलने तू ना आये और मैं तेरा इंतज़ार करु।।
Phool gufran