रस्ता
कोई समझेगा क्या तुझको पाकर,
जब तक गुजरेगा रस्ता ना जाकर,
तुम कभी इस भरम में ना रहना,
दुनिया जीती है कौन यहां आकर,
नाम करने को आतुर है वो पंछी,
ज़िंदगी जो गुजारी है बिना खाकर,
कोई समझेगा क्या तुझको पाकर,
जब तक गुजरेगा रस्ता ना जाकर,
तुम कभी इस भरम में ना रहना,
दुनिया जीती है कौन यहां आकर,
नाम करने को आतुर है वो पंछी,
ज़िंदगी जो गुजारी है बिना खाकर,