रसगुल्ला गुलकंद
वड़ा समोसा फाफड़ा,रसगुल्ला गुलकंद ।
मेरे सारे कर दिए , खाने में अब बंद ।
खाने में अब बंद, हुई है शक्कर मुझको।
कहती बीवी नहीं, ये खाने दूंगी तुझको ।
कह रमेश कविराय, मिले है इडली डोसा।
नजरें फेरें देख , मुझे अब वड़ा समोसा।।
रमेश शर्मा.