रमेशराज के 2 मुक्तक
1.
हम शीश झुकाना भूल गये
सम्मान जताना भूल गये,
तेज़ाब डालते नारी पर
अब प्यार निभाना भूल गये |
+रमेशराज
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2.
ये टाट हमेशा हारेंगे चादर-कालीनें जीतेंगे
तू सबको रोज नचाएगा तेरी ये बीनें जीतेंगी |
तू सबसे बड़ा खिलाड़ी है इस भ्रम में प्यारे मत जीना
ये सफल हमेशा चाल न हो , मत सोच मशीनें जीतेंगी ||
+रमेशराज