Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2021 · 1 min read

रमेशराज की 3 तेवरियाँ

1.
*****
नारे थे यहाँ स्वदेशी के
हम बने विदेशी माल ,हर साल !

अपने हैं ढोल नगाड़े पर
ये मढ़े चीन की खाल , हर साल !

हम गदगद अपने बागों में
अब झूले चीनी डाल , हर साल।

हम वो संगीत शास्त्री हैं
स्वर में अमरीकी ताल ,हर साल !
+रमेशराज

2.
**********
ये नये दौर की देशभक्ति
नफ़रत फैली हर ओर।अब शोर।।

जिनकी सरपंचों में गिनती
सारे के सारे चोर।अब शोर।।

जो विश्व-शांति की बात करे
उसने ही मारे मोर।अब शोर।।

करुणामय रूप दिखाकर वो
बन बैठा आदमखोर।अब शोर।।

फिर अंधकार छलने आया
मत बोलो इसको भोर।अब शोर।।
रमेशराज

3.
**********
ये रात रहेगी सदियों तक
तुझको दीखा है भोर। किस ओर।।

सावन में सूखा ही सूखा
अब नाच रहा है मोर। किस ओर।।

नदियों में तपता रेत दिखे
फिर जल की उठी हिलोर। किस ओर।।

ये किधर क्रांति का स्वर गूँजा
दीनों में आया जोर। किस ओर।।

क्या फंसा दिया बेबस कोई?
पकड़ा है आदमखोर। किस ओर।।
रमेशराज

Language: Hindi
440 Views

You may also like these posts

छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
Ashwani Kumar
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
Ashwini sharma
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
शेखर सिंह
जीवन का सफर नदी का सफर है
जीवन का सफर नदी का सफर है
Harinarayan Tanha
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सयाना
सयाना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहें सुधीर कविराय
कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
तक़दीर शून्य का जखीरा है
तक़दीर शून्य का जखीरा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे
Keshav kishor Kumar
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
bharat gehlot
विरह योग
विरह योग
दीपक झा रुद्रा
अस्पताल की विवशता
अस्पताल की विवशता
Rahul Singh
स्मृतियों का सफर
स्मृतियों का सफर
Seema gupta,Alwar
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*हमारी कश्ती!*
*हमारी कश्ती!*
Pradeep Shoree
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा
Rj Anand Prajapati
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
Chunnu Lal Gupta
काश तेरी निगाह में
काश तेरी निगाह में
Lekh Raj Chauhan
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
10/20 कम हैं क्या
10/20 कम हैं क्या
©️ दामिनी नारायण सिंह
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
प्रतिभा! ईश्वर से मिलती है, आभारी रहे। ख्याति! समाज से मिलती
ललकार भारद्वाज
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
Ajit Kumar "Karn"
जैसे बहाव नदी का
जैसे बहाव नदी का
*प्रणय*
Loading...