रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
रजनी छंद विधान सउदाहरण (मापनी युक्त ) २३ मात्रा
यति – १४ यति ९ विराम मापनी –
२१२२ २१२२ , २१२२ २
देखते नेता लगाते , वोट के मेले |
कौन रोकेेगा जहाँ में, हो रहे खेले ||
दूर से ही देखते हैं , फेंकते धेले |
जानते मेला घुसे हैं , साँप के चेले ||
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रजनी छंद विधान सउदाहरण (मापनी युक्त ) २३ मात्रा
यति – १४ यति ९ विराम मापनी – मुक्तक
२१२२ २१२२ , २१२२ २
लोग आते जानने को , हाल है कैसा |
क्या पुराना दर्द भी है , पूर्व का जैसा |
है भलाई बोल दो ये , आपकी छाया –
चाहते हैं आप जो भी , हाल है बैसा |
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रजनी छंद विधान सउदाहरण (मापनी युक्त ) २३ मात्रा
यति – १४ यति ९ विराम गीतिका मापनी –
२१२२ २१२२ , २१२२ २
समांत स्वर – आते , पदांत – हैं
लोग देते ज्ञान पूरा , अब सिखाते हैं |
तोड़ना घरों को कैसे , अब बताते हैं ||
बोलते है योजना भी , ये हमारी है,
कौन से तोड़ा घरों को , सब सुनाते हैं |
योजना पूरी बनाते , चाल आगे की ,
देख मौका आग पूरी , तब लगाते हैं |
कौन-सा है काम इनको, जो नहीं आता ,
है गुरू संसार में वह , यह जताते हैं |
काम भी पूरा करेगें , ले रहे ठेका ,
पीठ अपनी ठोकते हैं , थपथपाते हैं |
राह में अड़चन नहीं है , चाल ऐसी है ,
पैदलों को भी बजीरों , से लड़ाते हैं |
अब सुभाषा मान लेना , जानना पूरा ,
गेह लोगों के जले जो , ये जलाते है |
सुभाष सिंघई