रगणाश्रित दोहे
रगणाश्रित दोहे—-
रगण (२१२)
३+रगण(२१२)+रगण(२१२),३+रगण(२१२)+३
******************************सृजन शब्द — दामिनी
1.
प्रीत राधिका की भली, तान बाॅंसुरी जान।
मेघ दामिनी सोहती, भक्ति गोपिका मान॥
2.
प्रेम भावना में बहे, आज गोपिका ग्वाल।
मेघ दामिनी चमक से, दिव्य भव्यता भाल॥
3.
चमक दामिनी जीत से, अंध यामिनी हार।
प्रेम भावना मीत की, जीव साधना सार॥
4.
गंग पावनी धार में, सकल वंदना माथ।
मेघ दामिनी ज्योत में,जगत प्रार्थना साथ॥
5.
नित्य प्रार्थना कीजिए, हृदय कामना सार।
भक्ति साधना जो बढ़े,जुड़े भावना तार।।
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश🙏