रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
तुम लक्ष्य नया संधान करो।
नीरसता में जीना कैसा,
नर हो तुम नव निर्माण करो।
अभिनव अदम्य
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
तुम लक्ष्य नया संधान करो।
नीरसता में जीना कैसा,
नर हो तुम नव निर्माण करो।
अभिनव अदम्य