Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

रखो वक्त निकाल कर नजदीकिया और निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते

रखो वक्त निकाल कर नजदीकिया और निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते है मिले है जिंदगी में तुमको
जिंदगी काफिर है भरोसा नही है उसका
बाद में मलाल हो की मिल लेते बोल लेते
वक्त निकाल लेते जाहिर कर देते थोड़ा और वक्त मिल गया होता तो।
क्योंकि काश में कभी जिंदगी का वजूद नहीं है,जो है अभी में है, अगर अभी नही तो फिर शायद,काश वाली जिंदगी मैं जिंदगी का मलाल ढूंढो।

119 Views

You may also like these posts

दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए।
दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए।
manjula chauhan
झुक नहीं सकती
झुक नहीं सकती
surenderpal vaidya
A tail star 'comet'
A tail star 'comet'
Buddha Prakash
"ये लोकतंत्र है"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों का बंधन
रिश्तों का बंधन
Sudhir srivastava
जीवन संगीत अधूरा
जीवन संगीत अधूरा
Dr. Bharati Varma Bourai
श्याम जी
श्याम जी
Sukeshini Budhawne
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
सत्य कुमार प्रेमी
अन्तिम स्वीकार ....
अन्तिम स्वीकार ....
sushil sarna
पहला प्यार
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
जा के बैठेगी अब कहां तितली
जा के बैठेगी अब कहां तितली
Dr fauzia Naseem shad
पानी ही पानी
पानी ही पानी
TARAN VERMA
*शुभांगी छंद*
*शुभांगी छंद*
Rambali Mishra
सुदामा कृष्ण के द्वार
सुदामा कृष्ण के द्वार
Vivek Ahuja
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
👍👍
👍👍
*प्रणय*
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
प्यासा के हुनर
प्यासा के हुनर
Vijay kumar Pandey
#पथकर
#पथकर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
2905.*पूर्णिका*
2905.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विनती
विनती
कविता झा ‘गीत’
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विचित्र ख्याल
विचित्र ख्याल
RAMESH Kumar
जीवन को खुशहाल बनाओ
जीवन को खुशहाल बनाओ
Dr Archana Gupta
Loading...