रखो वक्त निकाल कर नजदीकिया और निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते
रखो वक्त निकाल कर नजदीकिया और निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते है मिले है जिंदगी में तुमको
जिंदगी काफिर है भरोसा नही है उसका
बाद में मलाल हो की मिल लेते बोल लेते
वक्त निकाल लेते जाहिर कर देते थोड़ा और वक्त मिल गया होता तो।
क्योंकि काश में कभी जिंदगी का वजूद नहीं है,जो है अभी में है, अगर अभी नही तो फिर शायद,काश वाली जिंदगी मैं जिंदगी का मलाल ढूंढो।