रक्षा बंधन
छंद कुंडलिया।
राखी बाँधें सब बहन, वीरों को अब आज।
सैनिक अपने देश हित, लड़ते हैं जांबाज।
लड़ते हैं जांबाज, सुरक्षा सीमा वाली।
बढ़े राष्ट्र का मान, वीर करते रखवाली।
कहें ‘प्रेम’ कवि राय,.बहन वीरों की साखी।
राष्ट्र प्रेम हित मान, बाँध सैनिक को राखी।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम