रक्षाबंधन
यह सिर्फ धागे नहीं
एहसास है जन्मो जन्मांतर के
यह सिर्फ रंग बिरंगी राखी नहीं
यह प्यार समेटे है अपनेपन के।
हमको हमारा बचपन
याद दिलाती राखी
भाई बहन की खट्टी मीठी
यादों का संसार है राखी।
यादों के एहसासों से
झोली भरकर मुस्काती राखी
भाई बहन के कर्तव्य का
अनमोल खजाना है यह राखी।
सारी खुशियां धागे में लपेटे
बिटिया आई अपने आंगन
भाई के माथे पर तिलक लगाकर
उसकी खुशियां मांगे अपने खुदा से।
हरमिंदर कौर
अमरोहा (यूपी )
मौलिक रचना