रक्षाबंधन
******* रक्षाबंधन *******
**********************
रेशम के धागे में प्यार है,
भाई – बहनों का सरदार है।
सूनी बाँहें राहें देखती,
राखी का आया त्योहार है।
भ्राता बहना का सम्मान करे,
रक्षाबंधन का यह सार है।
कच्ची डोरी से रहता बांधता,
जोड़े रखता सब परिवार है।
खुशियों मौजों से भरपूर हो,
मनसीरत प्यारा संसार है।
*******************†**
सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)