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23 Dec 2024 · 1 min read

रक्तदान

बहते -बहते नीर नदी का अवरुध्द कहीं हो जावे।
ईसी की भांति रक्त मानव का बहत_बहते रुक जावे।
ईसी को थक्का कहे डा०फिर आपरेशन करवा वे।
जान जाये और माल भी जावे अंत चैन न पावे।
ये गुत्थी सुलझावे सत्गुरु रक्त दान करवावे।
जो गुरु सिख बचनो को माने अंत काल सुख पावे।

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