रक्तदान
बहते -बहते नीर नदी का अवरुध्द कहीं हो जावे।
ईसी की भांति रक्त मानव का बहत_बहते रुक जावे।
ईसी को थक्का कहे डा०फिर आपरेशन करवा वे।
जान जाये और माल भी जावे अंत चैन न पावे।
ये गुत्थी सुलझावे सत्गुरु रक्त दान करवावे।
जो गुरु सिख बचनो को माने अंत काल सुख पावे।