रंग-बिरंगी तितली
रंग-बिरंगी तितली,
कितनी सुंदर दिखती हो,
इधर-उधर मँडराती हो,
बच्चों को बहलाती हो।
तितली रानी तितली रानी,
तेरी भी अजब कहानी,
फूलों को देख बैठ जाती,
फिर भी किसी के हाथ न आती।
जब भी तुम पंखों को फैलाती,
सुंदरता अत्यधिक खिल जाती,
काली पीली नीली सुनहरी,
हर रंगों में मिल ही जाती ।
जीवन होता कुछ दिनों का,
उसमें भी बच्चों को थकाती,
मन-मोहने बसंत में आती,
फूलों का रस हो चूसती।
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# बुद्ध प्रकाश ;
मौदहा,हमीरपुर।