रंग पंचमी
आज रंग की पंचमी, उड़ता रंग गुलाल ।
इधर उधर सब तरफ है , रंगो का भूचाल।।
नाच रहें है लोग सब, धूम मची चहुँओर ।
रंग बिरंगे दिख रहे, सुंदर है हर छोर।।
भुला गिले शिकवे सभी, गले मिले है आज।
रंग स्नेह का डालकर, दोनों करते नाज।।
मीठे गुजिए खाइए, मन मीठा हो जाय।
कटुता में क्या है रखा, सबको गले लगाय ।।
मीठे – मीठे बोल हो, और रहे मुस्कान।
रंग लगा हो स्नेह का, हर दिन होली मान।।
——— जेपीएल