रंग और गुलाल हो 【मुक्तक】
रंग और गुलाल हो 【मुक्तक】
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हर तरफ मस्ती भरा हर वृद्ध हो हर बाल हो
रंग से पीला-गुलाबी हर स्वजन का गाल हो
रह न जाए कोई भी माधुर्य के मधु – भाव से
हाथ में पिचकारियाँ हों , रंग और गुलाल हो
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451