रंगो की रंगोली जैस दुनिया ,इस दुनिया के रंग में मैं कुछ इस
रंगो की रंगोली जैस दुनिया ,इस दुनिया के रंग में मैं कुछ इस तरह ग़ुल गया , जब से जाना तुझे सनम मे कुद को बुल गया ।
मैं संसार के सभी रंगो में गूल गया ,सिवाए तेरे महोबत मे गूल ना सका ।
और हर नाकाम कोशिश की तुझे बुलाने की ,पर ये कम्बखत् दिल तुझे बुला ना सका।