रंगों की होली
रंगों की होली
फाल्गुन की पूर्णिमा में
रंगो का उत्सव
सब रंग प्यार के
प्यार मनुहार के
इन्द्रधनुषी त्यौहार के
स्नेहिल प्यार के हार में .
अभिनन्दन के तरंगे
नव जीवन की उमंगे
उत्साह का ओज में
नए रिश्ते बनाएं
मानवता के
मैत्री के
सौहाद्रता के
अपनेपन के
किसी की आंखों में
सितारे सजाएं
किसी के चेहरे पर
मुस्कानें बिखेरें
किसी के दिल में
गुलाब लहरा दें
एक रिश्ता ऐसा बनाएं
मन भीग भीग जाए
प्रीत प्यार में
रंगो का मनोहारी
उत्सव बन जाए
होली तो है ही
हो ली..…
जो हुआ सो हुआ
होली के रंगों में
वैमनस्य ईर्ष्या
अहम् अलगाव, दुराव
सब धुल जाए
तो होली है
दिलों में नजदीकियां बन जाएं
तो होली है।
होली के गीतों में झूमने को
पांव थिरके
तो होली है ।
डॉ० करुणा भल्ला