योगी बन जा
योगी बन जा (धनुष वर्ण पिरामिड)
तू
योगी
बन जा
चलना है
बस स्नेहिल
बनकर प्यारे
चित्त वृत्ति को रोक
टोक सदा मन को
प्रभु चरणों में
शीश झुकाओ
हो अर्चन
पूजन
नित
हो।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
योगी बन जा (धनुष वर्ण पिरामिड)
तू
योगी
बन जा
चलना है
बस स्नेहिल
बनकर प्यारे
चित्त वृत्ति को रोक
टोक सदा मन को
प्रभु चरणों में
शीश झुकाओ
हो अर्चन
पूजन
नित
हो।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।