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26 Dec 2024 · 1 min read

ये सोच कर ही

ये सोच कर ही
आपको हर घड़ी
हम याद करते रहते हैं,
भुला पायें आपको
शायद कोई ऐसा
रास्ता मिल जाए

हिमांशु Kulshrestha

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